भारत के “राष्ट्रगीत” के रुप में वन्दे मातरम् के दो छंदों को स्वीकार किया गया है।
“वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां
मलयजशीतलाम्
शश्य श्यालालां मातरं
वन्दे मातरम्
सुब्रज्योत्स्ना
पुलकित यामिनीम्
पुल्ल कुसुमित
द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीं
सुमधुर भाषिनीम्
सुखदां वरदां मातरं
वन्दे मातरम्”
“वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां
मलयजशीतलाम्
शश्य श्यालालां मातरं
वन्दे मातरम्
सुब्रज्योत्स्ना
पुलकित यामिनीम्
पुल्ल कुसुमित
द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीं
सुमधुर भाषिनीम्
सुखदां वरदां मातरं
वन्दे मातरम्”
वन्दे मातरम् पूरा गीत
“वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां, मलयजशीतलाम्,
शश्यश्यालालां, मातरं!
सुब्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्,
पुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीं, सुमधुर भाषिनीम्,
सुखदां वरदां मातरं!
सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद कराले
कोट-भुजैधृत-खरकरवावाले,
अबला केन माएत बले।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम्।।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे
त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधरिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम् मातरम्।।
वन्दे मातरम्।
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भुषिताम्
धरणीं भरणीं मातरम्।।
वन्दे मातरम्।।“
सुजलां सुफलां, मलयजशीतलाम्,
शश्यश्यालालां, मातरं!
सुब्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्,
पुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीं, सुमधुर भाषिनीम्,
सुखदां वरदां मातरं!
सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद कराले
कोट-भुजैधृत-खरकरवावाले,
अबला केन माएत बले।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम्।।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे
त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधरिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम् मातरम्।।
वन्दे मातरम्।
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भुषिताम्
धरणीं भरणीं मातरम्।।
वन्दे मातरम्।।“
हिन्दी में वंदे मातरम गीत का अर्थ
जलवायु अन्न सुमधुर, फलफूल दायिनी माँ!, गौरव प्रदायिनी माँ!!
शत-शत नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!
अति शुभ्र ज्योत्सना से, पुलकित सुयामिनी है। द्रुमदल लतादि कुसुमित, शोभा सुहावनी है।।
यह छवि स्वमन धरें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
कसकर कमर खड़े है, हम कोटि सुत तिहारे। क्या है मजाल कोई, दुश्मन तुझे निहारे।।
अरि-दल दमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
तू ही हमारी विद्या, तू ही परम धरम है। तू ही हमारा मन है, तू ही वचन करम है।।
तेरा भजन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
तेरा मुकुट हिमालय, उर-माल यमुना-गंगा। तेरे चरण पखारे, उच्छल जलधि तरंगा।।
अर्पित सु-मन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
बैठा रखी है हमने, तेरी सु-मूर्ति मन में। फैला के हम रहेंगे, तेरा सु-यश भुवन में।।
गुंजित गगन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
पूजा या पन्थ कुछ हो, मानव हर-एक नर है। हैं भारतीय हम सब, भारत हमारा घर है।।
ऐसा मनन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
शत-शत नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!
अति शुभ्र ज्योत्सना से, पुलकित सुयामिनी है। द्रुमदल लतादि कुसुमित, शोभा सुहावनी है।।
यह छवि स्वमन धरें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
कसकर कमर खड़े है, हम कोटि सुत तिहारे। क्या है मजाल कोई, दुश्मन तुझे निहारे।।
अरि-दल दमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
तू ही हमारी विद्या, तू ही परम धरम है। तू ही हमारा मन है, तू ही वचन करम है।।
तेरा भजन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
तेरा मुकुट हिमालय, उर-माल यमुना-गंगा। तेरे चरण पखारे, उच्छल जलधि तरंगा।।
अर्पित सु-मन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
बैठा रखी है हमने, तेरी सु-मूर्ति मन में। फैला के हम रहेंगे, तेरा सु-यश भुवन में।।
गुंजित गगन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
पूजा या पन्थ कुछ हो, मानव हर-एक नर है। हैं भारतीय हम सब, भारत हमारा घर है।।
ऐसा मनन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!!
हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!!
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