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Rohit tayde shayri

ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता
नदी को रोकने से कोई समंदर नहीं बनता
लड़ते रहो ज़िंदगी से हरपल क्योंकि
एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता

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