Skip to main content

Mutual fund investment

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे करें

आज के समय में नौकरीपेशा व्यक्ति अपने पैसे को बढ़ाने के लिए अलग अलग तरह के इनवेस्टमेंट के तरीके खोजते रहते हैं जिनमें से एक है म्यूचुअल फंड

अब सवाल आता है कि म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट क्यों करें
तो इस सवाल के जवाब पर हम चर्चा करते हैं अगर आपके पास खर्चे से अधिक पैसे हैं जिन्हें आप कहीं इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो परंपरागत रूप से लोग इस पैसे को बैंक में रखते हैं बैंक में पैसा या तो सेविंग अकाउंट में रखा जाता है या उसको FD कर देते हैं या फिर उसकी आर डी कर दी जाती है बैंक में अगर आप अपना पैसा सेविंग अकाउंट में रखते हैं तो बैंक इस पर 3.5 से 4 परसेंट के बीच में ब्याज देते हैं जो की बहुत ही कम है आजकल बैंकों ने अनेक तरह के शुल्क अकाउंट पर लगाने शुरू कर दिए हैं जैसे ATM रखने पर उसका वार्षिक शुल्क अधिकांश बैंक 200 से 400 रुपया सालाना वसूलते हैं SMS के चार्जेस ₹15 प्रति 3 महीना होते हैं और अगर आपके बैंक अकाउंट में एक निश्चित राशि से कम पैसे हैं जैसे अभी एसबीआई ने बड़े शहरों में यह राशि ₹5000 कर दी है और छोटे शहरों में कहीं कहीं यह 2000रुपए कर दी गई है अगर आपके बैंक अकाउंट में इससे कम पैसे हैं तो बैंक आपके अकाउंट को रखने के लिए उसमें से कुछ चार्ज कटता है जो चार्ज इतने ज्यादा हो चुके हैं कि अगर आप कुछ दिनों के लिए अकाउंट भूल जाएं तो सारे पैसे इन में ही कट जाएंगे इस तरह से बैंक अकाउंट में सेविंग अकाउंट में 4 परसेंट की मिलने वाली ब्याज तो लगभग बैंक ही रख लेती है उसमें से हमें बहुत कम राशि ही मिल पाती है साथ ही भारत में महंगाई लगभग 10% की दर से पिछले 15 साल से बढ़ रही है इस महंगाई में थोड़ा बहुत उतार चढ़ाव होता है लेकिन यह लगभग इसी रेट से बढ़ रही है तो 4 परसेंट ब्याज पर पैसा रखने से हमें घाटा ही होता है
  दूसरा तरीका बैंक में अगर आपके पास पैसे ज्यादा है तो FD कर देते हैं FD एक अच्छा तरीका है इसमें अभी लगभग 8 प्रतिशत के आसपास बैंक ब्याज देते हैं बैंक में पैसा आपको एक फिक्स समय के लिए रखना पड़ता है उससे पहले अगर आप पैसा निकालते हैं तो बैंक कुछ चार्ज काटते हैं तथा सेविंग अकाउंट की ब्याज ही देते हैं लेकिन 10% की महंगाई दर हर साल होने की वजह से यह ब्याज दर भी मार्केट से कम ही है
  तीसरा तरीका अगर आप आरडी करते हैं तो आपको हर माह पैसे जमा करने होते हैं आर डी पर ब्याज सात से आठ प्रतिशत के बीच मिलता है इसके साथ भी वही बात है कि यह इन्वेस्टमेंट मार्केट की महंगाई दर से कम है लेकिन फिर भी एफ डी और आर डी दोनों ही इन्वेस्टमेंट अच्छे हैं और भारतीय लोगों में बहुत ज्यादा लोकप्रिय है
   इन तरीकों के अलावा लोग सोना व जमीन में भी पैसा इन्वेस्ट करते हैं इन इन्वेस्टमेंट में भी कभी कभी लोगों को अच्छा पैसा मिल जाता है लेकिन इन में पैसा लगाने के लिए आपको एकमुश्त रकम की आवश्यकता होती है
ऊपर बताए गए इन्वेस्टमेंट के तरीकों में कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं जिनकी हमें चर्चा नहीं करनी है हम सिर्फ म्यूचल फंड के बारे में इतना बताना चाहते हैं कि म्यूचुअल फंड भी इन इन्वेस्टमेंट की तरह ही पैसे इन्वेस्टमेंट करने का एक अच्छा माध्यम है और ऊपर बताए गए तरीकों से ज्यादा अच्छा माध्यम पिछले अनुभव के आधार पर साबित हुआ है म्यूचल फंड में जंगली ग्रोथ 15% से लेकर 30% के बीच में मिल जाता है और 12 से लेकर 17 प्रतिशत के बीच में तो मिलना एक सामान्य सी बात है बस आपको इसके लिए थोड़ा सा ध्यान देना पड़ता है और अपने इन्वेस्टमेंट को लगातार ट्रैक करते रहना होता है इसके लिए थोड़ी बहुत नाम मात्र की मार्केट की जानकारी भी आवश्यक है जो आप इंटरनेट के माध्यम से या किसी एजेंट के माध्यम से या सेमिनार आदि से पता कर सकते हैं
  म्यूचल फंड इन्वेस्टमेंट आम भारतीय लोगों के लिए अभी हाल ही के कुछ वर्षों से सुना जाने वाला नया शब्द है लेकिन यह धीरे-धीरे लोगों में बहुत ज्यादा लोकप्रिय होता जा रहा है उसका कारण इसमें मिलने वाला अधिक रिटर्न है साथ ही म्यूचल फंड में शेयर मार्केट की तुलना में अनिश्चितता कम है और आपको बहुत अधिक रिसर्च भी नहीं करना है अगर आपको मार्केट की जानकारी कम है तो आप किसी अच्छे एजेंट के माध्यम से भी इसमें इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं
   म्यूच्यूअल फंड क्या है
अक्सर कर यह पूछने में आता है कि म्यूचुअल फंड क्या होता है तो हम आपको इसकी जानकारी के लिए बता दें कि शेयर मार्केट में बहुत सारी कंपनियां लिस्ट होती हैं शेयर मार्केट में अगर आप डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो आपको किसी कंपनी में इन्वेस्टमेंट करना होता है और आपके पैसे का बढ़ना या घटना सिर्फ एक कंपनी पर ही निर्भर करता है लेकिन म्यूच्यूअल फंड एक ऐसी स्कीम होती है जिसमें कोई एक फंड मैनेजर होता है जो 20 से 25 कंपनियां चुनकर उनका एक ग्रुप बनाता है जिसे बास्केट भी कहते हैं फिर वह इन कंपनियों के शेयर के कीमत के औसत के हिसाब से एक हिसाब लगाता है और अपने म्यूचल फंड की एक वैल्यू बनाता है जिसे म्यूच्यूअल फंड की भाषा में एनएवी नाम दिया गया है और आप जब म्यूचुअल फंड में पैसा इन्वेस्टमेंट करते हैं तो म्यूच्यूअल फंड आपको एनएवी देता है इस एनएवी की कीमत इसके ग्रुप में उपस्थित शेयरों की कीमत बढ़ने घटने से प्रभावित होती है अगर मार्केट अच्छा चल रहा है या इस ग्रुप के शेयर बढ़ रहे हैं तो एनएवी की कीमत बढ़ती जाती है और अगर शेयरों की कीमत घट रही है तो उसी औसत में एनएवी की कीमत कम होने लगती है
  Nav क्या है
अभी आप इस नए  एनएवी को सुनकर सोच रहे होंगे कि यह NAV क्या बला है तो मैं आपको बता दूं कि जैसा मैंने ऊपर बताया है यह ग्रुप में उपस्थित शेयरों की कीमत के औसत के हिसाब से तय होती है उसका एक  फिक्स कैलकुलेशन है जिसे समझने के लिए आपको इंटरनेट पर किसी दूसरी साइट पर इसे सर्च करना पड़ेगा या मैं अपने किसी अगले पोस्ट में इसके बारे में डिटेल में बताऊंगा

म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट शुरुआत कैसे करें
म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट करने के लिए आप इंटरनेट पर CAMS की वेबसाइट सर्च कर सकते हैं जो कि सरकार द्वारा अधिकृत वेबसाइट है इस वेबसाइट पर आप इन्वेस्टमेंट करने के साथ साथ अपने इन्वेस्टमेंट को ट्रैक करने के लिए जब चाहे आप चेक कर सकते हैं कि आपके पैसे की स्थिति क्या है उस पर कितना रिटर्न मिल रहा है यह सारी सुविधाएं यह वेबसाइट देती है इसके लिए आपको अन्य भी वेबसाइट यह सुविधाएं देती हैं आपको इंटरनेट पर थोड़ा-बहुत सर्च करना पड़ेगा और इसे इंटरनेट पर पढ़कर सीखना होगा
  दूसरा तरीका यह है कि आप किसी म्यूच्यूअल फंड एजेंट से संपर्क कर लें आजकल हर शहर में इसके बहुत सारे एजेंट आपको मिल जाते हैं जिनके माध्यम से आप इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं लेकिन इन एजेंटों से संपर्क करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है
1. अगर आप किसी अनजान एजेंट के पास जा रहे हैं तो उससे पहले पता कर लें कि उसकी सलाह लेने की फीस क्या है क्योंकि अधिकांश एजेंट सलाह लेने की फीस भी मांगने लगते हैं जो कभी-कभी 100 से ₹200 तक भी होती है जबक यह सारी जानकारियां आप इंटरनेट से भी प्राप्त कर सकते हैं ऐसा कुछ खास ज्यादा जानकारी नहीं होती है
2. जब भी आप किसी एजेंट के माध्यम से इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं तो उस फॉर्म में एक कॉलम होता है कि आप अगर एजेंट की सुविधा ले रहे हैं तो उसको कमीशन कितना देना है इस समय अक्सर कर जीरो से 5 पर्सेंट कमीशन तक का ऑप्शन होता है अगर आपने कमीशन पर क्लिक कर दिया या एजेंट ने आपको बिना बताए कमीशन पर क्लिक कर दिया या टिक मार दिया तो आपके हर बार इन्वेस्टमेंट में से इतने प्रतिशत जनरल ई 5% पैसा कट कर सीधा एजेंट के अकाउंट में चला जाएगा जिससे आपको इन्वेस्टमेंट करने में नुकसान ही होगा क्योंकि 5% तो पहले ही कट जाएगा इसलिए इन्वेस्टमेंट करने से पहले एजेंट से पहले ही तय कर लें कि कमीशन जीरो प्रतिशत रहेगा शून्य प्रतिशत कमीशन होने पर भी एजेंट को उस म्यूच्यूअल फंड की तरफ से कुछ कमीशन मिलता ही है लेकिन वह कमीशन आपके द्वारा इन्वेस्टमेंट की जा रही राशि से सीधा न कटे इसके लिए जरूरी है कि एजेंट जीरो प्रतिशत कमीशन के लिए तैयार हो जाए और आजकल अधिकांश एजेंट शून्य प्रतिशत कमीशन पर ही तैयार हो जाते हैं

Comments