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दूसरों में कमियां दिखती हैं

एक बार एक चित्रकार ने एक पेंटिंग बनाई चित्रकार ने उस पेंटिंग को बहुत मेहनत से बनाया था और उसने अनुमान लगाया कि अब इस पेंटिंग में कोई भी कमी नहीं है तब उसने उस पेंटिंग में कमी देखने के लिए उस पेंटिंग को शहर के एक चौराहे पर टांग दिया और उसके नीचे एक कमेंट लिख दिया कि अगर किसी भी व्यक्ति को इस में कोई भी कमी दिखाई दे तो वह उस जगह निशान लगा दे ऐसा करके चित्रकार वहां से चला गया उसके बाद चित्रकार जब शाम को वहां आया तो उसने देखा की पेंटिंग पर सभी जगह निशान लगे हुए हैं निशान इतने ज्यादा लगे हुए हैं की पेंटिंग पूरी खराब हो चुकी थी ऐसा देखकर पेंटर का दिमाग खराब हो गया क्योंकि उसने सोचा था कि अगर कोई 1-2 कमी होगी तो वह उसे ठीक कर देगा लेकिन यहां तो उसकी पूरी पेंटिंग ही खराब हो चुकी थी और उसने अपना माथा पीट लिया
उसी समय वहां पर उसका एक मित्र आया और उसने उससे पूछा कि आप इतने दुखी क्यों हो तब पेंटर ने अपने मित्र को पूरी कहानी बताइए ऐसा सुनकर उसका मित्र हंसने लगा और कहा यह तो बहुत छोटी समस्या है आप एक काम करो कल एक ऐसी ही पेंटिंग और बनाना और उसे बनाकर यही चौराहे पर लटका देना लेकिन उसमे आप यह लिखना कि इस पेंटिंग में अगर कोई कमी किसी को दिखाई देती है तो वह उसे ठीक कर दे ऐसा सुनकर चित्रकार ने अगले दिन वही किया और उसने पेंटिंग बनाकर उसे चौराहे पर लटका दिया और उसके नीचे लिख दिया कि अगर किसी को कोई कमी दिखाई देती है तो वह उसे ठीक कर दे
  चित्रकार जब शाम को वापस अपनी पेंटिंग देखने आया तो उसे पेंटिंग पर एक भी निशान लगा हुआ नहीं मिला ऐसा देखकर उसे आश्चर्य होगा लेकिन तब ही उसे यह समझ में आया कि किसी के काम में कमियां निकालना तो बहुत आसान है लेकिन उसे ठीक करना आसान नहीं या यूं कहें कि दूसरे के काम में कमियां निकालने तो सारे आ जाते हैं लेकिन उन को ठीक करने वाला कोई नहीं होता

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