एक कुत्ते को चिड़ियों के अंडे खाने का बहुत ज्यादा ही शौक लग गया वह खेतों की मेड़ों पर घूमता रहता या फिर नदियों के किनारे घूमता रहता और पक्षियों के अंडे जैसे टिटहरी के अंडे मिलते ही उन को खा जाता नदी के किनारे वह कछुए के अंडे ढूंढता रहता
एक दिन रात में पड़ा एक घोड़ा कुत्ते ने देखा उसे लगा कि यह भी अंडा ही है कुत्ते ने आव देखा न ताव तुरंत ही घूमने को खा गया I
गूंगे के अंदर की सीप के टुकडे कुत्ते के पेट में जाकर उसकी आंखों में चुभने लग गए अब कुत्ता दर्द के मारे छटपटाने लगा और वह रोते रोते कहने लगा कि मुझसे बड़ी भूल हो गई अब मैं समझा कि हर गोल चीज अंडा नहीं होती
यह कहानी यह बताती है कि किसी भी चीज को तुरंत ही नहीं खा लेना चाहिए जब तक यह पता न हो कि वह खाने लायक है कि नहीं
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