एक किसान के पास एक गाय और एक घोड़ा था वह उन्हें दोनों को जंगल में चढ़ने छोड़ देता था किसान के पड़ोस में एक धोबी रहता था धोबी के पास गधा और बकरी थे धोबी भी उन्हें जंगल में चढ़ने छोड़ देता था चारों पशु एक साथ करने जाते थे जिससे चारों पशुओं में अच्छी खासी मित्रता हो गई के साथ में जंगल में चढ़ने जाते और शाम को वापस आ जाते थे
इन चारों पशुओं की मित्रता देखकर उस जंगल में एक खरगोश रहता था उसने भी इन से मित्रता करने की सोची वह सोचने लगा कि अगर इतने बड़े पशुओं से मित्रता हो जाएगी तो कुत्तों का भय नहीं रहेगा और मुझे कोई कुत्ता तंग नहीं कर पाएगा
खरगोश उन चारों के पास बार-बार आने लगा उछलता कूदता जिससे उसकी भी मित्रता उन चारों पशुओं से हो गई अब खरगोश बड़ा प्रसन्न हुआ कि उसे कुत्तों का डर दूर हो गया है
एक दिन एक कुत्ता जंगल में आया और खरगोश के पीछे दौड़ने लगा खरगोश भागा भागा गाय के पास गया और बोला हे गौ माता यह कुत्ता मुझे परेशान कर रहा है यह बहुत ही दुष्ट है इसे अपने सींगों से मारकर भगा दो इस पर गायब बोली है खरगोश भाई तुम लेट आए हो मेरे घर लौटने का समय हो गया है मेरा बच्चा बहुत भूखा होगा और मुझे बार-बार पुकार रहा होगा मुझे घर जाने की जल्दी है तुम घोड़े के पास जाओ
खरगोश दौड़ता हुआ घोड़े के पास गया और बोला भाई घोड़े मैं तुम्हारा मित्र हूं हम दोनों यहां साथ-साथ चलते हैं यह दुष्ट कुत्ता मेरे पीछे पड़ा है तुम मुझे पीठ पर बिठाकर दूर ले चलो
इस पर घोड़ा बोला कि तुम्हारी बात तो ठीक है किंतु मुझे बैठना नहीं आता मैं तो सोता भी खड़े खड़े ही हूं तुम मेरी पीठ पर चलोगे कैसे आज कल मेरे सु म बढ़ गए हैं मैंने तो तेज दौड़ सकता हूं नहीं पर फटकार सकता हूं
घोड़े के पास से निराश होकर खरगोश गधे के पास गया उसने गधे से कहा हे गधे मित्र तुम इस कुत्ते पर एक लात मार दो जिससे यह कुत्ता भाग जाए और मैं बच जाऊं
गधा बोला मैं रोज गाय और घोड़े के साथ लौटता हूं वह दोनों जा रहे हैं याद में उनके साथ में जाकर पीछे छूट गया तो धोबी मेरे पीछे डंडा लेकर दौड़े का और पीटते पीटते मेरा कचूमर निकाल देगा अब मैं यहां नहीं रुक सकता
अंत में खरगोश बकरी के पास गया बकरी ने उसे देखते ही कहा भाई खरगोश कृपा करके इधर मत आओ तुम्हारे पीछे कुत्ता दौड़ता आ रहा है मैं उस से बहुत डरती हूं
सब ओर से निराश होकर खरगोश वहां से भागा भागते-भागते वह एक झाड़ी में छुप गया कुत्ते ने बहुत ढूंढा किंतु से खरगोश का पता नहीं मिला जब कुत्ता लौट गया तब खरगोश गाड़ी से निकला उसने चारों तरफ देखा और संतोष की सांस ली फिर वह बोला दूसरों का भरोसा करना सदा धोखा देता है अपनी सहायता अपने आप ही करनी चाहिए
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