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Investment trick abhout company



जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदने वाले हैं तो उस कंपनी के बारे में आपको कुछ बेसिक जानकारियां पता होनी चाहिए
1. किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले उसके प्रमोटर्स के बारे में पता कर लेना चाहिए कि उसके प्रमोटर्स कौन-कौन हैं और उनका बैकग्राउंड क्या है
2. कंपनी का किस चीज का व्यवसाय है वह क्या उत्पादन करती है और मार्केट में वह को जो कच्चा माल खरीद ती है उससे क्या बनाकर भेजती है कच्चा माल कहां से आता है और जो माल बनाती है वह माल किस मार्केट में ज्यादा बिकता है
3. कंपनी जो माल बना रही है उस माल की मार्केट में कैसी डिमांड है तथा भविष्य में कैसी डिमांड रहने वाली है कहीं कोई मार्केट में ऐसी टेक्नोलॉजी या कोई माल तो नहीं आ रहा जो इस कंपनी के माल को रिप्लेस कर देगा या जो कंपनी सामान बना रही है उसकी जरूरत खत्म हो जाएगी
4. क्या कंपनी उत्पाद का आयात करती है और आयात करके बेचती है या फिर कंपनी कच्चा माल बाहर से मंगवाती है और फिर उस से सामान बनाकर मार्केट में भेजती है क्योंकि इन दोनों ही कंडीशन में अगर जिस कंट्री से आया तो रहा है उसके राजनीतिक या आर्थिक हालत खराब होने का कंपनी के व्यवसाय पर तुरंत फर्क पड़ता है
5. क्या कंपनी अपने उत्पाद का निर्यात करती है या अगर निर्यात नहीं करती है तो उस उत्पाद के निर्यात होने की संभावना कैसी है किन-किन देशों को उसे निर्यात किया जा सकता है जहां उसको कैसी कीमत मिलने वाली है
6. अगर कंपनी की कोई विदेशी सहयोगी है या उसके प्रमोटर्स विदेशी हैं या उसकी होल्डिंग कंपनी विदेशी है तो जो भी कंपनी या प्रमोटर उसका विदेशी है उसका बैकग्राउंड क्या है उसकी आर्थिक स्थिति कैसी है उसका विदेश में व्यवसाय कैसा चल रहा है इस चीज का फर्क यह पड़ता है कि अगर कंपनी के हालात अपने देश में अच्छे होते हैं तब विदेशी कंपनी उसका मुनाफा ज्यादा ले जाती है और अगर यहां पर हालत खराब होते हैं और विदेश में उसके हालात अच्छे हैं तो बुरे हालात की कंडीशन में कंपनी भारतीय कंपनी को सपोर्ट कर सकती है
7. कंपनी किस राज्य जिले में स्थित है या उसका रजिस्ट्रेशन कहां पर है या रजिस्ट्रेशन विदेश का है यह सब बात की जानकारी होना भी आवश्यक है क्योंकि कोई भी लीगल कार्यवाही होने पर आप को इस बात का पता होना चाहिए कि कोर्ट का क्षेत्राधिकार क्या होगा
8. कंपनी जो भी माल बनाती है वह कितना अधिक माल भारत से लेती है यह कितना माल आसपास के कंट्री से लेती है और कितना मालूम है आयात करती है इन सारी चीजों का फर्क पड़ता है क्योंकि जो कंपनी आयात कर रही है वह कंपोनेंट कितना जरूरी है क्यों किसी भी कंडीशन में जहां से वह आयात कर रही है या जहां से कच्चा माल ले रही है उस क्षेत्र में किसी भी डिस्टरबेंस होने पर कंपनी के व्यवसाय पर तुरंत फर्क पड़ता है
9. कंपनी जो कच्चा माल उठाती है वह कच्चा माल कैसे आता है कहां से आता है उसकी प्राप्ति के साधन क्या है यह बेहद आवश्यक चीज है
इसके अलावा और बहुत सारी चीजें हैं जो कम हैं शेयर मार्केट में इंटरनेट पर सक्रिय रहकर ही पता लग सकती हैं जब भी आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो आपको यह चीज तो पता होनी चाहिए कि कंपनी को जो चला रहा है कंपनी का जो प्रमोटर है कंपनी का जो मालिक है सीईओ है जो बड़े टॉप लेवल के अधिकारी हैं वह इमानदारी से कंपनी को चला रहे हैं कि नहीं उस कंपनी को चलाने के लिए मेहनत कर रहे हैं कि नहीं उनकी योग्यता कंपनी को चलाने लायक है कि नहीं वह कार्यकुशल व्यक्ति है कि नहीं यह एक बेहद ही आवश्यक चीज है क्योंकि हमने अभी हाल में ही उदाहरण देखा किंगफिशर के फेल होने का जिसमें हमने पाया कि सब कुछ सही होने पर भी उसके प्रमोटर्स के गलत रवैया के कारण कंपनी फेल हो गई और जिसका इंवेस्टर्स को बहुत बड़ा घाटा उठाना पड़ा जहां सिर्फ प्रमोटर की अय्याशियों के कारण बहुत सारा पैसा इधर से उधर घोटालों में फंसाया गया इधर से उधर किया गया जिसका आज कोई हिसाब-किताब भी नहीं है और कहीं से कोई जांच भी नहीं हो सकती इस प्रकार हमें ध्यान रखना चाहिए कि कंपनी का टॉप लेवल मैनेजमेंट ऑफ होल्डिंग कंपनी का रवैया कैसा है
आजकल अधिकांश बड़ी कंपनियां प्रोफेशनल्स द्वारा चलाई जाती हैं अगर कोई भी कंपनी बढ़िया प्रोफेशनल्स द्वारा चलाई जा रही है और प्रमोटर्स भी उसके अच्छे हैं तब कंपनी के अच्छे रिजल्ट देने की संभावना अधिक होती है भले ही खराब दौर चल रहा हो और अगर प्रमोटर ठीक हैं और उसके साथ वह कंपनी बढ़िया प्रोफेशनल उसके द्वारा चलाई जा रही है तो कंपनी में घाटा होने की संभावना कमी रहती है प्रोफेशनल्स किसी न किसी तरह से कंपनी को संभाल लेते हैं
आजकल तकनीकी का युग है रोज नई नई तकनीकी आ रही है जिसकी वजह से आजकल यह पता नहीं लग रहा कब कौन सा व्यवसाय अगले कुछ समय में बर्बाद हो जाएगा और कौन सा व्यवसाय अगले कुछ समय में आगे बढ़ जाएगा तो अगर कंपनी में कार्यकुशल लोग हैं और समय के साथ आगे बढ़ने वाले हैं टेक्नोलॉजी को तुरंत स्वीकार करने वाले हैं तब कंपनी का आगे का कार्य अच्छा रहने की संभावना होती है क्योंकि कंपनियां तकनीकी में नए-नए सूट करती रहती हैं और नई तकनीकी आने पर वह तुरंत उसे स्वीकार करती हैं और उसके हिसाब से अपनी रणनीति और कार्यशैली बनाती हैं जिससे वह फायदा उठाती हैं
किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कंपनी में कोई प्रमोटर्स में या कंपनी के बड़े अधिकारियों में आपस में झगड़ा तो नहीं है क्योंकि इस चीज का बहुत बड़ा नुकसान होता है इसको आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे जब दो भाइयों का झगड़ा हो जाता है तो जहां पर कोई सा जगा दो रुपए का काम आता है वह ₹4 देकर भी नहीं होता क्योंकि हर भाई यह सोचता है कि दूसरा भाई कर ले मैं ना करूं ऐसी स्थिति अगर कंपनी के टॉप लेवल मैनेजमेंट में आ जाती है तो वह कंपनी का नुकसान होना शुरू हो जाता है
किसी भी कंपनी में अगर हड़ताल आदमी की समस्या या श्रमिकों की कोई समस्या है तब भी कंपनी को नुकसान होने की संभावना रहती है किसी भी कंपनी के प्लांट में अगर कोई हड़ताल वगैरा होती है तो कंपनी का उत्पादन पर तुरंत फरका ता है या फिर मजदूरों और मैनेजमेंट में कोई झगड़ा हो जाता है तो उसका भी कंपनी पर फर्क आता है यह सब चीज को आप रोजाना के न्यूज़पेपर और इंटरनेट पर सर्च करते हैं न्यूज़ के साथ टच में रहे तो आपको पता लगता रहता है
आजकल निवेश करने से पहले कंपनी का साइज भी देख लेना चाहिए क्योंकि छोटे मझोले साइज की कंपनियां रिटर्न तो देख देती हैं लेकिन उनमें रश्के रहता है जबकि बड़े साइज की कंपनियों में रिस्क कम रहता है लेकिन उनके रिटर्न कैसा रहेगा यह उनके व्यवसाय पर निर्भर करता है जनरल ईयर टर्न छोटी कंपनियों से कम ही रहता है लेकिन आज के कंप्लीट युग में अगर कंपनी बड़ी है तो कोई भी झटका आने पर वह कंपनी उसे झेल सकती है लेकिन छोटी कंपनियां कंपटीशन में हार जाती हैं और वह खत्म भी हो जाती हैं इसका अभी हाल में ही स्वरुप देखने को मिला जब रिलायंस जियो ने मार्केट में अपना 4G नेटवर्क उतारा तो पूरे टेलीकॉम मार्केट में हाहाकार मच गई और बहुत सारी कंपनियां बिक गई जिसमें खुद अनिल अंबानी की कंपनी बिक गई इसके अलावा आईडिया और वोडाफोन के मर्जर की भी बात हो रही है और Aircel आज कंपनियों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं
आजकल जैसा कि देखा गया है कि कोई भी व्यवसाय किसी वक्त नुकसान खा सकता है और कोई भी दूसरा व्यवसाय किसी वक्त चढ़ सकता है क्योंकि टेक्नोलॉजी का बहुत तेजी से चलन बढ़ रहा है इसलिए अगर कोई भी कंपनी मल्टी फील्ड्स में है मतलब वह एक फील्ड के अलावा और भी 24 काम करती है तो उसके टिके रहने की संभावना ज्यादा होती है जैसे मुकेश अंबानी की रिलायंस आज यह कंपनी बहुत सारे फील्ड में है इसका प्राइमरी काम तेलशोधन है लेकिन आज इसके सैकड़ों काम हैं जो सभी Reliance के छतरी के नीचे ही होते हैं इस तरह की कंपनियां छोटे-मोटे झटकों से परेशान नहीं होती हैं और किसी व्यवसाय में तेजी या मंदी होने पर इन पर ज्यादा फर्क नहीं आता है
अगर किसी कंपनी का किसी उत्पादन के क्षेत्र में एकाधिकार है और उसका कोई कंपटीशन नहीं है तब वह मनमाने दाम वसूल सकती है इस कंडीशन में कंपनी को भविष्य में बहुत अधिक फायदा बने रहने की संभावना होती है इस तरह की कंपनियां अक्सर कर मल्टीनेशनल कंपनियां हैं जैसे एक कंपनी है मार्केट में जिसका नाम है सिस्को वह शायद भारतीय बाजार में लिस्ट है या नहीं इसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता है लेकिन उसका टेलीकॉम मार्केट के 1 बड़े ही अच्छे सेक्टर में एकाधिकार है वह डिफेंस को एक कमेंट सप्लाई करती है साथ ही उसका टेक्नोलॉजी कुछ अलग सा है जो टेक्नोलॉजी मार्केट में नहीं मिलती है ऐसी कोई भारतीय क्षेत्र में भी कंपनी हो सकती है जैसे अभी एक नई कंपनी लिस्ट होने जा रही है मिश्र धातु निगम लिमिटेड इस तरह की कंपनियां अगर इनका मैनेजमेंट हो गया ठीक है तो आगे चलकर अच्छा फायदा कमा सकती हैं इसकी संभावना बनी रहती है




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