भारत को अमेरिका ने जीएसपी से बाहर कर दिया है जीएसपी ऐसी स्कीम है जिसने अमेरिका ऐसे डेवलपिंग कंट्री को अपने यहां आयात करने की छूट देता है जिसने उनके कुछ उत्पाद ड्यूटी फ्री या बहुत ही कम ड्यूटी लगा कर अमेरिका में भेजे जाते हैं यह सिस्टम सिर्फ अमेरिका में ही नहीं दुनिया के दूसरे विकसित देश भी अलग-अलग नामों से अपनाते हैं.
GSP -जनरलाइज सिस्टम ऑफ प्रेफरेंशियल या जनरलाइज प्रेफरेंशियल सिस्टम
इस तरह से इस सिस्टम के अंदर भारत को आने से काफी फायदा होता था फायदा क्या था कि भारत के लगभग 2000 सामान अमेरिका में बिना किसी टैक्स के भेजे जाते थे अमेरिका के साथ भारत का निर्यात लगभग इक्यावन बिलियन डॉलर का बताया जाता है जिसमें से लगभग 6 बिलियन डॉलर के सामान इस स्कीम के तहत अमेरिका भेजे जाते हैं अर्थात लगभग कितने सामानों पर भारत को टैक्स नहीं देना पड़ता इसका फायदा यह होता है कि भारत के सामान दूसरे देशों के सामान की अपेक्षा सस्ते पड़ते हैं और वह अमेरिका में शेल किए जाते हैं
इस तरह से यह भारत के लिए एक अच्छा फायदे का सौदा था लेकिन इस बार ट्रंप ने भारत को इससे बाहर निकाल दिया है भारत को इसकी चेतावनी काफी पहले दे दी गई थी लेकिन उस पर एक्शन अब हुआ है इसका भारत के व्यापार पर भले ही कम असर पड़े लेकिन जिस तरह से भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में इस समय नेगेटिव खबरें आ रही हैं उसने यह एक नई खबर और जुड़ गई है इसका भारत की अर्थव्यवस्था तथा भारतीय शेयर मार्केट पर थोड़ा बहुत फर्क अगले कुछ दिनों में दिखाई पड़ सकता है
अमेरिका ने ईरान पर काफी टेरेस बढ़ा दिए हैं और बहुत सारे प्रतिबंध लगाए हैं भारत अमेरिका का काफी कुछ हद तक साथ ही दे रहा है और हम ने ईरान से आयात लगभग बंद कर दिया है उसके बावजूद भी अमेरिका द्वारा इस तरह के प्रतिबंध लगाना भारतीयों के गले नहीं उतर रहा है क्योंकि हम पहले ही ईरान के साथ अपना व्यापार बंद करके बहुत बड़ा घाटा झेल रहे हैं जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए आगे चलकर बहुत ज्यादा परेशानी का सबब बन सकता है क्योंकि ईरान से हमें सस्ती रेट पर तेल मिलता था अब हमें अमेरिका से मिलने वाले फायदे भी गिरे धीरे कम होते जा रहे हैं
भारत और अमेरिका के बीच सामानों का आयात निर्यात तो काफी कम है लेकिन सेवाओं का निर्यात भारत से काफी बड़ी मात्रा में होता है साथ ही अमेरिका काफी बड़ी आर्थिक महाशक्ति है और उससे चीन टो ट्रेड बार में लड़ाई लड़ रहा है लेकिन भारत के लिए अमेरिका से उलझना आसान नहीं होगा
इस घटनाक्रम को आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि ट्रंप अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चल रहे हैं और वह उन सभी देशों पर रेड वार कर रहे हैं जो भविष्य में अच्छी आर्थिक उन्नति कर सकते हैं इनमें सबसे पहला नंबर चीन का आता है जो अमेरिका को बहुत बड़ी टक्कर दे रहा है जिसने टेक्नोलॉजी में अमेरिका की मोनोपोली को लगभग खत्म कर दिया है जिस वजह से अमेरिका को अब बारी के स्तर से अपनी ग्लोबल पावर कम होने का खतरा मंडराने लगा है
Comments
Post a Comment