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Preference share

प्रेफरेंस शेयर
प्रेफरेंस शेयर लाभांश के भुगतान या फिर कंपनी के बंद होने पर शेष पूंजी के पुनः भुगतान की स्थिति में साधारण शेरों के ऊपर अधिकार रखते हैं कंपनी को अगर कोई लाभ होता है तो उस लाभ पर सबसे पहले इन्हीं शेयरधारकों का अधिकार बनता है इन्हें डिविडेंड देने के बाद जो पैसा बचता है वह अन्य श्रेणी के शेयरधारकों में बांटा जाता है साथ ही इन शेयरों पर दिया जाने वाला डिविडेंड पहले से ही निश्चित दर पर किया जाता है और उसी के अनुरूप इन शेरों पर लाभांश का वितरण होता है इसीलिए इन शेयरों को के धारक इक्विटी शेयर के धारक से कम जोखिम उठाते हैं

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