आप लोगों ने अभी न्यूज़ में यह खबर बहुत ज्यादा सुनी होगी कि चीन ने अपना खुद का आर्टिफिशियल सूरज आर्टिफिशियल चांद बना लिया है तो हम आपको इस बारे में थोड़ी सी विस्तृत जानकारी दे देते हैं
दर्शन आर्टिफिशियल सूरज जो टेक्नोलॉजी है उसके बारे में ऐसा कहा जा रहा है कि चीन ने पृथ्वी पर नाभिकीय संलयन अभिक्रिया एक मशीन में करने में सफलता प्राप्त की है वह भी केवल 7 सेकंड के लिए और इन 7 सेकंड में टेंपरेचर 100 बिलियन डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर पहुंच गया था
जैसा कि आप लोग जानते ही हैं सूर्य हमारे सौरमंडल में एक ऐसा ग्रह है जिस पर जो प्रकाश और गर्मी पैदा होती है वह नाभिकीय संलयन अभिक्रिया के द्वारा पैदा होती है नाभिकीय संलयन अभिक्रिया में हाइड्रोजन के दो नाविक जुड़कर हीलियम का एक बड़ा नाभिक बनाते हैं इस प्रकार इन दो नाभिक के जुड़ने की प्रक्रिया में बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है जो कि नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया में प्राप्त ऊर्जा की तुलना में बहुत अधिक होती है साथ ही नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया में पैदा होने वाले हानिकारक विकिरण भी इस अभिक्रिया में पैदा नहीं होते हैं पृथ्वी पर अब तक वैज्ञानिक नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया से ऊर्जा प्राप्त करते रहे हैं जिसके लिए पृथ्वी पर लगभग बहुत सारे देशों में नाभिकीय रिएक्टर बनाए गए हैं और इन नाभिकीय रिएक्टर की सहायता से बिजली पैदा की जाती है लेकिन बहुत सारे वैज्ञानिक इस कोशिश में भी लगे रहे हैं कि नाभिकीय संलयन अभिक्रिया से किसी भी प्रकार अगर ऊर्जा प्राप्त करने की व्यवस्था कर ली जाए तो फिर पृथ्वी से ऊर्जा संकट खत्म ही हो जाएगा लेकिन ऐसा अभी तक संभव नहीं हो पाया है
अब चीन ने यह दावा किया है कि उसने नाभिकीय संलयन अभिक्रिया पृथ्वी पर करने में 7 सेकंड के लिए सफलता प्राप्त की है इस नाभिकीय संलयन अभिक्रिया को जिस मशीन में किया गया है उसका नाम है एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग tokamak(east).
यह मशीन दरअसल रूस का एक मॉडल है जिसे रूस ने 1991 में इस प्रयोग को बंद कर दिया था रूस ने इस प्रक्रिया को करने की कोशिश तो की थी लेकिन 1991 में रूस में आए आर्थिक संकट की वजह से रूस में बहुत सारे वैज्ञानिक प्रयोग बंद हो गए थे उसी समय इस प्रयोग की फंडिंग भी रूस ने बंद कर दी थी और यह फंडिंग बंद हो जाने की वजह से यह मशीन और मॉडल बेकार पड़ा हुआ था जिसे रूस ने अब चीन को दे दिया है और चीन ने इस मॉडल की सहायता से नाभिकीय संलयन अभिक्रिया को कुछ सेकंड के लिए करने में सफलता प्राप्त की है


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