इनफर्टलिटी के करीब 30 फीसदी मामलों में समस्या पुरुषों में होती है। वहीं 30 मामलों में महिला पुरुष दोनों जिम्मेदार होते हैं। अगर आपके जीवन में भी इस तरह की समस्या है तो डॉक्टर से मिलकर टेस्ट कराए जा सकते हैं। पुरुषों की समस्या की पहचान का बेसिक तरीका सीमेन की जांच है। महिलाओं में पीसीओडी (पॉलीसिस्टिस ओवेरियन डिसीज) बड़ी समस्या है वहीं पुरुषों में खराब स्पर्म काउंट की वजह से दिक्कत आती है।
पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने की कई वजहें होती हैं, जिनमें बचपन में हुआ कोई इन्फेक्शन, हार्मोनल डिसॉर्डर, जेनेटिक कारण और शारीरिक अक्षमता आदि शामिल हैं। जो लोग नशा करते हैं और स्मोकिंग करते हैं उनका स्पर्म काउंट सामान्य पुरुषों के मुकाबले गिर जाता है। आजकल की लाइफ स्टाइल, हानिकारण किरणों का संपर्क और तनाव भी काफी हद तक इन समस्याओं को बढ़ा रहा है।
पुरुषों में ये समस्याएं एसटीडी (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज) की वजह से भी हो सकती है। गोनोरिया और क्लेमेडिया ऐसी ही समस्याएं हैं जिनके चलते स्पर्म को बाहर पहुंचाने वाले ट्यूब बंद हो जाते हैं। बचपन में हुआ गलकंठ रोग भी कई बार टेस्टिकिबल को नुकसान पहुंचा देता है। वहीं स्पर्मबैंक के आस-पास की नसों में सूजन भी पुरुषों में बांझपन के लिकए जिम्मेदार हो सकती हैं।
जिन पुरुषों का स्पर्म काउंट कम है या स्पर्म की क्वालिटी खराब है, वे भी अब नई तकनीकि की मदद से पिता बन सकते हैं। अगर स्पर्म काउंट कम से कम 10 मिलियन है तो आईयूआई या इंट्रायूटेराइन इनसिमेनेशन तकनीकि मददगार साबित हो सकती है।
क्या है ये तकनीकि
इस तकनीक में सीमेन को लैब में खास तरीके से साफ किया जाता है और ट्यूब के इस्तेमाल से, महिला की कोख में बेहद कम मात्रा में स्पर्म रखा जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह बेहद सामान्य और कम खर्चीली प्रक्रिया है।
आईयूआई पद्धतिड से बेहतरीन परिणाम पाने कें महिलाओं को ओव्यूलेशन के लिुए डॉक्टरों की दी गई दवाओं का भी साथ में सेवन करना चाहिेए। ये पद्धति् आपके लिए लाभकारी है अगर...
- आपको बांझपन की वजह पता नहीं है।
- पतिो को एजेकुलेशन की समस्या है।
- सर्वाइकल म्यूकस में कुछ गड़बड़ी है।
- संबंध बनाते वक्त तेज दर्द होता है।
- एसटीडी, एचआईवी या हेपेटाइटिस की समस्या है।
आईयूआई पद्धतिआ से इलाज की सफलता का प्रतिशत कई चीजें पर निर्भर करता है। सबसे बड़ा फैक्टर है महिला की उम्र।
आईयूआई तकनीकि मे सफलता की दर
- 30 से 34 साल के लिए 12 से 28 प्रतिश
- 35 से 39 साल के लिएए सात से 18 प्रतिशत
- 40 से 44 साल के लिए चार से नौ प्रतिशत
- 44 से ऊपर की उम्र के लिए सफलता न के बराबर
अगर आपको हल्का एंडोमेट्रियोसिस है या फिर आपके पति के शुक्राणुओं की संख्या कम है, तो इस उपचार की करीब छह सिटिंग लेने पड़ सकती हैं। करीब छह चक्र तक करवाने की सलाह दी जाती है। अगर, आप छह बार तक इस उपचार को आजमाती हैं, तो आपके गर्भवती होने की संभावनाएं वास्तव में बढ़ जाती हैं।
इन बातों का भी दें ध्यान
इनसीमेनेशन या वीर्यरोपण की टाइमिंरग इस प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपके पतिी को क्लीनिक या अस्पताल की मांग पर हस्तमैथुन के जरिए शुक्राणु का नमूना देना होगा। वह इस प्रक्रिया में सक्षम होने चाहिए।
कैथेडर या नलिका अंदर डालने की प्रक्रिया में भी कभी-कभी मुश्किल आती है। आपको इसके लिए तैयार होना
IUI treatment के द्वारा गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए आप इन IUI success tips in hindi को ध्यान में रखें :
1. तीन दिन तक पुरुष को अपने सीमन पर नियंत्रण रखना चाहिए
IUI treatment से 3 दिन पहले अपने सीमन का स्त्राव नहीं करना चाहिए । नियंत्रण रखने से सीमन की मात्रा अधिक मिलेंगी और उसमे शुक्राणुओं की संख्या भी अच्छी मिलेगी।
पांच दिन से ज़्यादा नियंत्रण न रखें क्यूंकि इससे भी सीमन की मात्रा पर असर पड़ता है।
2. IUI treatment को चिंता का विषय न बनाएँ
तनाव आपके गर्भधारण करने की संभावना को कम करता है।
“IUI treatment के लिए आपको हॉस्पिटल में बार – बार आना पड़ेगा” , इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, कहती है ।
अपने व्यस्त दिन में बाधा न डाले, अपने डॉक्टर से सुबह की अपॉइंटमेंट ले।
3. जीवन -शैली में परिवर्तन लाएँ
प्रजनन-शक्ति बढ़ाने वाले आहार खाएँ
“अपनी डाइट में प्रजनन-शक्ति बढ़ाने वाले पोषक तत्त्व जैसे anti-oxidants, fiber, dairy और protein को शामिल करें ” डॉक्टर प्रीति बताती है।
बहार के खाना और मीठे से बचें।
नियमित रूप से व्यायाम करें
अगर आपने पहले कभी व्यायाम न करा हो तो 15 मिनट की सेर से शुरू करें। धीरे – धीरे इससे 45 मिनट की सेर तक बढ़ाएँ।
यह परिवर्तन एक अच्छी और स्वस्त प्रेगनेंसी के लिए अनिवार्य है।
4. अपने डॉक्टर से हॉर्मोनल सपोर्ट के बारे में जाने
जब आपको ट्रिगर शॉट्स के लिए सुझाव दिया जायेगा तो बात करे हॉर्मोनल सपोर्ट के बारे में।
हॉर्मोनल सपोर्ट आपके गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने में सहायक है खास तोर पर अगर आपको PCOD या Endometriosis हैं ।
5. पुनः विचार करे तीन IUI कोशिशों के बाद
वैसे तो IUI treatment की प्रत्येक कोशिश के बाद गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
3 IUI के उपरांत गर्भधारण की सभावना उच्चतम रहती है।
3 IUI के उपरांत गर्भधारण की सभावना उच्चतम रहती है।
इसलिए तीन IUI treatment के कोशिशों के बाद भी अगर गर्भधारण में सफल नहीं है तो रुकें और सोचें ।
आपके डॉक्टर और जांचो के लिए सुझाव दे सकते है जिससे यह निर्धारित होगा की आपको सफलता IUI से ही मिलेगी या IVF से।
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